दिनांक 26.04.2024 को, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल (IQAC), पटना लॉ कॉलेज एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल (IQAC), पटना विश्वविद्यालय के द्वारा विश्व बौद्धिक संपदा दिवस पर “आईपी और एसडीजी: नवाचार और रचनात्मकता के साथ हमारे साझा भविष्य का निर्माण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सेमिनार हॉल, शताब्दी भवन, पटना लॉ कॉलेज में पूर्वाहन 10:30 बजे किया गया।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि पीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.सी. सिन्हा ने कहा के हर एक व्यक्ति का बौधिक संपदा संरक्छित होना चाहिए तब ही हम नवाचार और रचनात्मकता के साथ हमारे साझा भविष्य का निर्माण कर सकते है I
कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि प्रो. (डॉ.) खगेन्द्र कुमार ने भूख मुक्त विश्व के लक्ष्य को पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसके लिए कौशल विकास समय की मांग है और नवाचार इसकी कुंजी है I
कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) सुभाष चन्द्र रॉय ने 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के बारे में विस्तार में चर्चा किया और उन्होंने यह भी कहा कि रचनात्मकता और नवप्रवर्तन एक सतत प्रक्रिया है और मानवता की भलाई के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक भी हैI
कार्यशाला की अध्यछ्ता कर रहे प्रोफेसर (डॉ.) वाणी भूषण, प्राचार्य, पटना लॉ कॉलेज ने इस बात पर जोर देते हुए कहा के गरीबी, सह्रिकरण, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन एवं खाद सुरक्षा की आपूर्ति जैसे चुनौतियाँ को सतत विशवास लक्ष्य 2030 को प्राप्त करने में बौधिक सम्पदा सहायक सिद्ध हो सकता है I
डॉ. वीरेन्द्र पासवान, सहायक प्रोफेसर ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कमरे आलम, , सहायक प्रोफेसर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम को संपन्न किया गया। मंच का संचालन श्रीमती रुचि सिंह, सहायक प्रोफेसर ने की।
कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख लोगो में प्रो योगेन्द्र कुमार वर्मा, डीन, और प्रोo मोहम्मद शरीफ पूर्व प्राचार्य थे, सभी सहायक प्राध्यापक क्रमशः डॉ. वीरेन्द्र पासवान, डॉ. सुरुचि, श्री सौरभ, श्री सतीश कुमार, श्री रविंद्र कुमार, श्रीमती वंदना कुमारी, डॉ. उपेन्द्र नाथ एवं डॉ. विजय कुमार मुख्य रूप से मौजूद थे।