आईक्यूएसी, पटना लॉ कॉलेज, विधि विभाग, पटना विश्वधियालय एवं विकसित भारत @2047 के संयुक्त तत्वधान में 16.12.2023 को दोपहर 1:00 बजे ‘संवैधानिक अर्थ में मानवाधिकार’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन सेमिनार हॉल, शताब्दी भवन में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति डॉ. एस.एन. पाठक, न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय, रांची थे, जो इस प्रतिष्ठित संस्थान के गौरवान्वित पूर्वर्ती छात्र भी रहे हैं। डायस पर मौजूद थे एडवोकेट. श्री राज नंदन सहाय, वरिष्ठ अधिवक्ता, पटना उच्च न्यायालय, प्रो. डॉ. वाणी भूषण, प्राचार्य, पीएलसी, प्रो. (डॉ.) वाई.के. वर्मा, डीन, विधि संकाय, डॉ. बीरेंद्र कुमार गुप्ता, विभागाध्यक्ष, विधि विभाग थे। समारोह में डॉ शिव शंकर सिंह, डॉ. सलीम जावेद, सौरभ ,सतीश कुमार, डॉ बीरेंद्र कुमार एवं रविंद्र कुमार सहित कॉलेज के अन्य सम्मानित शिक्षक, कर्मचारीगण और छात्र-छात्राए उपस्थित थे। समारोह की शुरुआत मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा आधिकारिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद प्रो. (डॉ.) वाणी भूषण ने हमारे सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया। माननीय डॉ. न्यायमूर्ति एस.एन. पाठक ने कहा कि न्याय को बनाए रखने के लिए धार्मिकता और कर्तव्यों के सिद्धांतों की व्याख्या करने के लिए गीता के लोकाचार की संविधान के अनुरूप व्याख्या की जा सकती है। भारत के विभिन्न आयामों का पता लगाने के लिए हमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों की चिंता करनी होगी। मानवाधिकारों को हमारे स्वर्णिम संविधान में संहिताबद्ध किया गया है और भारत सबसे बड़ा वैश्विक लोकतंत्र है लेकिन सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था में असमानता के कारण मानवाधिकारों की व्याख्या की आवश्यकता है। आतंकवाद, शरणार्थियों के मुद्दों आदि की विश्व चुनौतियों से पर्याप्त रूप से निपटा जाना चाहिए। समानता मानव अधिकारों का सार है। उनका विचार था कि पीड़ितों को मानव अधिकारों के उल्लंघन के बावजूद सुरक्षात्मक भेदभाव प्रदान किया जाना चाहिए। अंत में, प्रो. (डॉ.) वाई.के. वर्मा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करने के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। मंच की संचालन सहायक प्रोफेसर श्रीमती रुचि सिंह ने की।